रस्मोरिवाज चलते रहेंगे
हम तुम मिलते रहेंगे
शायद कभी एक ना हो सकेंगे ।
वफा ना तुम में ना मुझ में
जिस्म फिर भी मिलते रहेंगे।
तलब हुई तो किया
प्यार वफ़ा का इकरार
वरना एक झटके में छोड़ चले
हो गए कहीं और गिरफ्तार।
हम उनको वह हमको
अपना ना कह सकेंगे
चाहे जितना जता लें प्यार ,
एक दूसरे पर शक ही करेंगे ।