घर भरा है ऐशो-आराम के
साजो-सामान से
किंतु कहीं कुछ खाली है;
समझ में आता नहीं है
क्या असली क्या जाली है?
हर वक्त सालती हमको ख्वाहिशें
आज यह कल वह चाहिए
पूरी जिंदगी की यही कहानी है।
घर भरा है ऐशो-आराम के
साजो-सामान से
किंतु कहीं कुछ खाली है;
समझ में आता नहीं है
क्या असली क्या जाली है?
हर वक्त सालती हमको ख्वाहिशें
आज यह कल वह चाहिए
पूरी जिंदगी की यही कहानी है।