मैं हूं दर्पण तुम्हारा
दिखाती हूं प्रतिबिंब तुमको
भोग्या माना तो ब्रह्म से च्युत –
राक्षस बनोगे
आत्मा को पहचान मेरी
मर्यादित पुरुषोत्तम बनोगे ।
निर्णय तुम्हारा
मैं हूं दर्पण तुम्हारा ।
मैं हूं दर्पण तुम्हारा
दिखाती हूं प्रतिबिंब तुमको
भोग्या माना तो ब्रह्म से च्युत –
राक्षस बनोगे
आत्मा को पहचान मेरी
मर्यादित पुरुषोत्तम बनोगे ।
निर्णय तुम्हारा
मैं हूं दर्पण तुम्हारा ।