वेदना अनजाने ही आती है
लिए साथ अपने गीत कई ।।
शब्द कुछ अंदर ही घुट रहे हैं
पीड़ा उभरी उपजा आह
श्वासों में उम्मीदें कुछ
शब्द बुन रहीं हैं
शब्द जब जुड़ जायेंगे पीड़ा से
अपने आप ही बन जाएगा गीत
पीड़ा ही प्रेरणा सर्जक की ।।
वेदना अनजाने ही आती है
लिए साथ अपने गीत कई ।।
शब्द कुछ अंदर ही घुट रहे हैं
पीड़ा उभरी उपजा आह
श्वासों में उम्मीदें कुछ
शब्द बुन रहीं हैं
शब्द जब जुड़ जायेंगे पीड़ा से
अपने आप ही बन जाएगा गीत
पीड़ा ही प्रेरणा सर्जक की ।।