प्रकृति के दूत,
फिर ले आए उपहार ;
बहुत छोटा उपहार पर गहरा प्यार।
नव किसलय मंजुल कलियां
नई शाखाएं सजी बेलों की ,
तरह-तरह की चहचहाहट –
मेरे खग कुल की ,
सब में रचा-बसा प्यार गहरा।।
प्रकृति के दूत,
फिर ले आए उपहार ;
बहुत छोटा उपहार पर गहरा प्यार।
नव किसलय मंजुल कलियां
नई शाखाएं सजी बेलों की ,
तरह-तरह की चहचहाहट –
मेरे खग कुल की ,
सब में रचा-बसा प्यार गहरा।।