शब्द है ब्रह्म रूप
अर्थ उसका प्रकाश
शब्द अर्थ से परे
नहीं जीवन – विकास ।
हम बोल रहे हैं अनवरत
खोल रहे हैं खुद को
वह जो चुप है वीर वही
शब्दों से हारा जो व्यक्ति नहीं ।।
शब्द है ब्रह्म रूप
अर्थ उसका प्रकाश
शब्द अर्थ से परे
नहीं जीवन – विकास ।
हम बोल रहे हैं अनवरत
खोल रहे हैं खुद को
वह जो चुप है वीर वही
शब्दों से हारा जो व्यक्ति नहीं ।।