जीवन की सीख

नम्रता दिखाते हुए चलना
सद्गुण अपनाते हुए चलना
दर्प के साथ तो चलते है बहुत
तुम अपना सर झुकाते हुए चलना।

थोड़ा शरमाते हुए चलना
थोड़ा मुस्काते हुए चलना
रिश्ते हर कोई बनता है
तुम निभाते हुए चलना।
प्रेम गीत गुनगुनाते हुए चलना
परायों को अपना बनाते हुए चलना
दुनिया में हैवानियत कम है क्या?
इंसानियत का धर्म अपनाते हुए चलना।


By :- सुयश शुक्ला

14 thoughts on “जीवन की सीख

  1. Woww सुयश भाई 👌👌👌👌👌👌😊😊😊loved it…
    शरमाते हुए चलना
    मुस्कुराते हुए चलना
    रिश्ते हर कोई बनाता
    तुम निभाते हुए चलना 👌👌

    Liked by 1 person

Leave a comment